Railway guard training | goods guard eligibility |railway goods guard promotion |भारतीय रेलवे में गार्ड

 आज हम भारतीय रेलवे के गार्ड के बारे में बतायेंगे  



जिसमें निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दिया जाएगा

 1. भारतीय रेलवे में गार्ड कौन है ?
 2.भारतीय रेलवे में गार्ड की भर्ती कैसे होती है ?
 3.भारतीय रेलवे में गार्ड बनने की योग्यता जैसे कि एजुकेशनल क्वालीफिकेशन ,मेडिकल स्टैंडर्ड आदि  क्या होता हैं?
4.भारतीय रेलवे में गार्ड में सिलेक्शन होने के बाद ट्रेनिंग डिटेल जैसे कि कितने दिनों की ट्रेनिंग होती है ? ट्रेनिंग में क्या-क्या पढ़ाया जाता है ? पूरी डिटेल के साथ |
5.रेलवे में गार्ड का क्या काम है ? 
6. रेलवे गार्ड से प्रमोशन होकर किस किस पोस्ट तक जाने की संभावना है ?

भारतीय रेलवे में गार्ड कौन है ?

         आपने कभी देखा होगा कि ट्रेन के पिछले भाग यानी ब्रेकवान में सफेद पेंट और शर्ट पहने हुए एक रेलवे एम्पलाई होता है,जिसे भारतीय रेलवे में गार्ड कहा जाता है |यह चलती ट्रेन का इंचार्ज होता है| रेलवे गार्ड को इतनी पावर दिया गया है कि लोको पायलट ट्रेन को बिना गार्ड के अनुमति के नहीं चला सकता है,भले ही सिग्नल दे दिया गया है यही कारण है कि हम लोग देखते हैं किस स्टेशन पर  सिग्नल होता है, यानी सिग्नल ग्रीन या पीला जलता है ,तो लोको पायलट महोदय गार्ड महोदय से पूछते हैं कि सिगनल मिल गाया है,तो क्या चला जाय ? इसमें गार्ड महोदय द्वारा ट्रेन चलाने का अनुमति मिलने के बाद ही  लोको पायलट ट्रेन को चलाते हैं |

अब जानेंगे कि भारतीय रेलवे में गार्ड की भर्ती कैसे होती है।

तो भारतीय रेलवे में गार्ड की भर्ती 5 तरह से होता है 
1.डायरेक्ट रिक्रूटमेंट आरआरबी के द्वारा जैसे अभी आरआरबी एनटीपीसी एग्जाम के द्वारा  रेलवे गार्ड की भर्ती हो रहा है|
2.जीडीसी एग्जाम,इसमें रेलवे में काम करने वाले केवल रेलवे एम्पलाई ही भाग लेते हैं इसमें सभी डिपार्टमेंट के कर्मचारी भाग लेते हैं|
3.एलडीसी एग्जाम, द्वारा इसमें केवल रेलवे में काम करने वाला रेलवे एम्पलाई भाग लेते हैं लेकिन रेलवे के ऑपरेटिंग और कमर्शियल डिपार्टमेंट के एम्पलाई ,इस एलडीसी एग्जाम के लिए एलिजिबल होते हैं।
 4.प्रमोशन के द्वारा इसमें सीनियरिटी के अनुसार प्रमोशन देकर रेलवे गार्ड बनाया जाता है |
5.कंपनसेशन ग्राउंड पर,इसमें अगर किसी वर्किंग रेलवे एम्पलाई की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को जैसे की पत्नी ,पुत्र ,पुत्री को रेलवे गार्ड  में भर्ती किया जा सकता है,गार्ड की भर्ती की योग्यता बशर्ते कि होना चाहिए |














 अब बात करते हैं,रेलवे गार्ड बनने की योग्यता के बारे में,

तो न्युनतम क्वालिफिकेशन किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी विषय में बैचलर डिग्री यानी ग्रेजुएट होना चाहिए,रेलवे में गार्ड बनने के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 33 वर्ष होती है |आरक्षित कोटा के उम्मीदवारों को केंद्र सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है |जहां तक मेडिकल स्टैंडर्ड की बात है तो उमीदवारौ को बिना चश्मे के दूरदृष्टि 6/9और निकट दृष्टि 0.6 बिना चश्मे के होने चाहिए |


बात करते हैं रेलवे गार्ड की ट्रेनिंग के बारे में,                   

तो शुरुआत में पद गुड्स गार्ड होता है और इनिशियल गुड्स गार्ड की ट्रेनिंग के लिए आपको जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्युट भेजा जाएगा|पहले रेलवे गार्ड का कुल ट्रेनिंग समय 45 दिन का था,लेकिन अभी रेलवे बोर्ड सर्कुलर नंबर RBE No  9/2017 जो कि 31 जनवरी 2017 को आया था, जिसमें कुल 30दिन हो गया है यानी इस वर्किंग डेज में संडे का रेस्ट और नेशनल होलीडेज शामिल नहीं है कहने  का मतलब है कि रेस्ट और छूटी मिलाकर गुड्स गार्ड का कुल ट्रेनिंग पीरियड 35 से 40 दिन के बीच पड़ता है।इस ट्रेनिंग पीरियड में रहने के लिए आपको जेड आर टी आई का हॉस्टल रहता है ,इसके लिए आपसे अलग से कोई पैसा नहीं लगेगा चाहे तो आप बाहर में भी रूम लेकर रह सकते हैं | भोजन के लिए मेष की व्यवस्था रहता है जहां आप को प्राय  शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन की व्यवस्था रहता है,लेकिन इसके लिए पैसा का भुगतान करना पड़ता है I ट्रेनिंग में आपको समान्य एवं सहायक नियम इसके अलावा आपको कमर्शियल डिपार्टमेंट के गुड्स और कोचिंग थ्योरी,इसके अलावा को ब्रेकिंग सिस्टम के बारे में जैसे कि जीडीआर ,बीपीसी आदि के बारे में पढ़ाया जाता है ,इसके अलावा मॉडल रूम में कराया जाता है ,जिसमें आपको प्रैक्टिकली रूप से सभी चीजों को दिखाया जाता है और कराया जाता है ,इसी ट्रेनिंग पीरियड के दौरान आपको एक या 2 दिन का किसी स्टेशन या यार्ड को भी घूमने का प्रोग्राम रहता है , जिसमें आपको ट्रेन के ब्रेक कैसे लगता है , ACP हो जाने पर उसे कैसे ठीक करते है इत्यादि के बारे में सिखाया जाता है।  पूरी सिलेबस का पढ़ाई पूरा करके अंत में एग्जाम लिया जाएगा ,एग्जाम में क्वेश्चन सब्जेक्टइव और  ऑब्जेक्टइव दोनों तरह का रहता है एग्जाम इन्हीं 4 सब्जेक्ट का रहता है ,जिसमें 

1. सम्मान एवं सहायक नियम,जिसे ऑपरेटिंग कहते हैं |
2. कमर्शियल जिसमें कोचिंग और गुड्स का थ्योरी रहता है | 
3.ब्रेकिंग सिस्टम 

4.मॉडल रूम,

इसमें  मौखिक रूप से प्रश्न पूछा जाता है,सभी एग्जाम के पेपर में अलग-अलग कम से कम 60% मार्क्स लाना जरूरी है, अगर कोई भी प्रक्षिक्षु  किसी भी एक सिलेबस में कम से कम 60% मार्क्स नहीं ला पाता है,तो उसे फेल कर दिया जाता है और दोबारा उसका परीक्षा लिया जाता है इस तरह सभी अभ्यर्थियों का इस परीक्षा के बाद डिवीजन भेज दिया जाता है |डिवीजन से कुछ दिनों के लिए लाइन ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है| प्रायः लाइन ट्रेनिंग परीक्षा का रिजल्ट आने तक दिया जाता है,लाइन ट्रेनिंग में देखना पड़ता है कि गुड्स गार्ड के लोग कैसे काम करते हैं वहां उनको प्रैक्टिकल रूप से सीखने को मिलता है।लेकिन एक बात और जो प्रशिछ एलडीसी एग्जाम या प्रमोशन के द्वारा सेलेक्ट हुआ है, उन्हें परीक्षा के बाद वही पहले वाला पुराना काम करना पड़ता है,जब ZRTI के द्वारा फाइनल रिजल्ट आ जाता है तो संबंधित डिवीजन के सीनियर डीओएम द्वारा सभी को किसी लॉबी में पोस्टिंग दिया जाता है, गुड्स गार्ड रेलवे के ऑपरेटिंग डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है और रनिंग एम्पलाई है और जो लौबी जिस स्टेशन के  के अंतर्गत आता है  उस स्टेशन के इंचार्ज के अंतर्गत ही काम करना पड़ता है।लॉबी में पोस्टिंग हो जाने के बाद जिस section में काम करना पड़ता है,उसका रोड लर्निंग लिया जाता है।

आप जानेंगे रेलवे में गार्ड का काम

     आपातकालीन स्थितियों में जैसे की ट्रेन पार्टिंग इत्यादि में गार्ड ड्राइवर को आगे बढ़ने के लिए लिखित अनुमति देता है ,गार्ड के पास ब्रेकवान में इमरजेंसी ब्रेक भी होता है,इसका प्रयोग करके आपातकाल में गार्ड  महोदय ट्रेन को रोक सकते हैं। गार्ड महोदय के पास vehicle guidance रहता हैं, यह एक लिखित डॉक्यूमेंट है जिस पर नंबर ऑफ बैगन,वजन ,अलग-अलग बैगन का लोड टनेज में इत्यादि लिखा रहता हैगार्ड महोदय चेक करते हैं कि सभी बैंगन का दरवाजा बंद होना चाहिए ,लोको पायलट के साथ ब्रेक का continuity test करते हैं, ब्रेक पावर  सर्टिफिकेट पर सिग्नेचर करते हैं।हमेशा ध्यान रखते हैं कि ट्रेन रनिंग के लिए सुरक्षित है ,ट्रेन रिपोर्ट तैयार करते हैं जैसे कि सीटीआर ,ब्रेक बाइंडिंग में लोको पायलट के साथ मिलकर ठीक करते हैं ।

अब बात करते हैं गुड्स गार्ड के प्रमोशन की 

गुड्स गार्ड से प्रमोशन होकर आप पैसेंजर गार्ड, पैसेंजर गार्ड से  एक्सप्रेस गार्ड,बाद में आप सेक्शन  कंट्रोलर, और चीफ कंट्रोलर भी बन सकते हैं ,आप एलडीसी एग्जाम देकर ग्रुप बी पोस्ट AOM  असिस्टेंट ऑपरेशंस मैनेजर भी बन सकते हैं।



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